Din Patjhad Ke Hon Ya Baharein Hon Anuradha Paudwal, Manhar Udhas Song Download


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Song Lyrics
दिन पतझड़ के या बहारें हों
मझधार में हों या किनारे हों
दिन पतझड़ के या बहारें हों
मझधार में हों या किनारे हों
आ, मेरे सनम
आ, मेरे सनम, वादा कर लें
हाथों में हाथ हमारे हों
हो, हाथों में हाथ हमारे हों
दिन पतझड़ के या बहारें हों
मझधार में हों या किनारे हों
आ, मेरे सनम
आ, मेरे सनम, वादा कर लें
हाथों में हाथ हमारे हों
हो, हाथों में हाथ हमारे हों
इस तरह से मुझमें समा जा तू
जैसे फूल में हैं रंग और ख़ुशबू
मैं तुझमें छुप जाऊँ ऐसे
मुरली में छुपे हैं स्वर जैसे
उठे मेरी नज़र जिस वक़्त जहाँ, हो-हो
उठे मेरी नज़र जिस वक़्त जहाँ
नज़रों में तेरे नज़ारे हों
आ, मेरे सनम
आ, मेरे सनम, वादा कर लें
हाथों में हाथ हमारे हों
हो, हाथों में हाथ हमारे हों
आसाँ हो सफ़र या हो मुश्किल
एक राह अपनी, एक मंज़िल
रुत ख़ुशियों हो, ग़म का मौसम
एक साथ उठें, उठें जब भी क़दम
जब प्यार-वफ़ा की बातें हों, हो-हो
जब प्यार-वफ़ा की बातें हों
हर ज़ुबाँ पे नाम हमारे हों
आ, मेरे सनम
आ, मेरे सनम, वादा कर लें
हाथों में हाथ हमारे हों
हो, हाथों में हाथ हमारे हों
ये ठंडी हवा, ये मस्त फ़िज़ा
सुन सजना, हमसे कहती है क्या
कहती है, "ना प्रीत कभी टूटे
ग़म नहीं अगर दुनिया छूटे"
फिर लेंगे जनम, फिर होगा मिलन, हो-हो
फिर लेंगे जनम, फिर होगा मिलन
हर जनम में साथ तुम्हारे हों
आ, मेरे सनम
आ, मेरे सनम, वादा कर लें
हाथों में हाथ हमारे हों
हो, हाथों में हाथ हमारे हों
दिन पतझड़ के या बहारें हों
मझधार में हों या किनारे हों
आ, मेरे सनम
आ, मेरे सनम, वादा कर लें
हाथों में हाथ हमारे हों
हो, हाथों में हाथ हमारे हों